तुम गूँगे हो,फिर क्यों गा रहे हो Azad-Poem दुःखो का सागर, शब्दो से बहा रहे हो अरे तुम गूँगे हो,फिर क्यों गा रहे हो इतना सस्...
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ख़ुदी को करके बुलन्द उड़ा वो जैसे तैसे !! खुदा ने खुद पूछा अबे अब उतरेगा कैसे ??
ख़ुदी को करके बुलन्द उड़ा वो जैसे तैसे !! खुदा ने खुद पूछा अबे अब उतरेगा कैसे ?? Sher-Shayri
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ये कैसी आज़ादी है भाई ये कैसी आज़ादी है
ये कैसी आज़ादी है भाई ये कैसी आज़ादी है FREEDOM ये कैसी आज़ादी है भाई ये कैसी आज़ादी है तब भी बंदूके तनती थी अब भी बन्दूकें तनती है ...
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राम प्रसाद बिस्मिल की कविताएं
राम प्रसाद बिस्मिल की कविताएं Ram Prasad Bismil महसूस हो रहे है बादे फना के झोंके। खुलने लगे है मुझ पर असरार जिंदगी...
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चुनाव मतलब "धन और बल"
चुनाव मतलब "धन और बल" India-election हिटलरितन्त्र हमारे चुनावी व्यवस्था में बड़े सुधारों की जरूरत है, क्...
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हिटलरितन्त्र
HITLAR-POEM सच को छुपाते है फिर भी मुस्कुराते है हम भी सब जानते है पूरा सच पहचानते है कब तक सच छुपाओगे एक दिन रँगे हाथो पकड़े जाओगे ...
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