नकाब



यहाँ चेहरों पर है नकाब सभी के
सभी ने छुपाया है खुद को सभी से

कहने को कहते है अपने हो तुम तो
फिर क्यों नही बतलाते बहुत कुछ उसे से?

कहते दुनिया बड़ी मतलबी है साहब
लेकिन खुद को अलग बताते सभी से

बातें बनाने से कुछ नही होगा
कब तक सच छुपाओगे सभी से?

चेहरे को अगर तुम ऐसे छुपाओगे
झुठ के साथ दूर चले जाओगे सभी से

मैंने छुपाया है तुम भी छुपाओगे
लेकिन फिर कैसे नजर मिलाओगे सभी से?

यहाँ चेहरों पर है नकाब सभी के
सभी ने छुपाया है खुद को सभी से
   
              ✍
          'आज़ाद'
First

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